O Mere Saajan Sama Hai Suhana
विनोद राठोड, कविता कृष्णमूर्ति
ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ
ओ मेरे साजन समां हानि यह सुहाना
साथ हो तुम तो रुत भी हसि हैं
ओ मेरे साजन समां हैं यह सुहाना
साथ हो तुम तो रुत भी हसि हैं
ओ मेरी जनम बाहों में तेरी
सुबह मेरी श्याम मेरी हैं
ओ मेरे साजन समां हैं यह सुहाना
साथ हो तुम तो रुत भी हसि है
एक तेरे ही ाजा ने से
पथ्जद में भी फूल खिले
एक तेरे ही ाजा ने से
पथ्जद में भी फूल खिले
अब तक थे इन गलियों में हम
तुम पहले ही क्यों न मिले
ओ मेरे साजन मुझे माँ बिसराना
तुम जो नहीं तो कुछ भी नहीं हैं
ओ मेरे साजन समां हैं यह सुहाना
साथ हो तुम तो रुत भी हसि हैं
पाकर तुझको मेरे दिल में
अब कोई अरमान नहीं हैं
पाकर तुझको मेरे दिल में
अब कोई अरमान नहीं हैं
बिन तेरे इस दुनिया में
मेरी कोई पहचान नहीं हैं
तुम्ही डगर हो तुम्ही हो ठिकाणा
तुम हो जहाँ मेरी मंज़िल वही है
ओ मेरी जनम बाहो में तुम्हारी
सुबह मेरी श्याम मेरी हैं
ओ मेरे साजन समां हैं ये सुहाना
साथ हो तुम तो रुत भी हसि हैं (ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ)
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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