Gyan Surya Tu Is
कविता कृष्णमूर्ति
बाबासाहेब प्रग्या के सूर्य थे उन्होने अछूतोंका उद्धार किया
भारत का संविधान बनाया हिंदू कोड तैयार किया
धर्म की दीक्षा भी दी और देश को एक नयी शकल प्रदान की
तो आईये अगला गीत जो कवी मित्र सुधीर भगत की शब्द रचना है
प्रस्तुत कर रही है कविता कृष्णमूर्ती ज्ञानसूर्य तू इस जगत का
ज्ञानसूर्य तू इस जगत का
भीमराव महान
ज्ञानसूर्य तू इस जगत का
भीमराव महान
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम
अमृतकुंड महाड का
खुला किया दलितोके लिये भीमराव ने
अंधःकारमय जीवन उज्ज्वल किया ज्ञान के प्रकाश से भीमराव ने
भीमाबाई और रामजीके
वे चौदावे रत्न महान
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम
हिंदू कोड बिल सादर करके
स्त्री हकोंकी रक्षा की
गोलमेज परिषद में जा कर मानवता की रक्षा की
ज्ञानसागर प्राशन करके
गुंगे को दिलायी जुबां
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम
स्वतंत्रता का समानताका
बंधुभाव और न्यायनीतीका
पंचशील का कवच बनाकर
पंचशील का कवच बनाकर संविधान लिखा भारत का
भारतरत्न हे भीमराव
विश्व् के है युगपुरुष महान
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम
इस धरती का कोई इन्सा
आज किसी का नही है दास
संघटना और ज्ञान मंत्र से खत्म हुआ है ये वनवास
ज्योत भीम की प्रज्वलित कर
हम सारे बन जाये सुजाण
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम
ज्ञानसूर्य तू इस जगत का
भीमराव महान
भारतभू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम
हम करते है प्रणाम
प्रणाम प्रणाम प्रणाम
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now