Simran

जिगर सरैया

ओ चुलबुली है, चुलबुली है नकचड़ी है, मनचली है पालक झपकते फलक चुरा ले अपनी सिमरन ज… जानी अंजानी थोड़ी सी दीवानी दीवाना सबको बना दे अपनी सिमरन हो सुलझा के ही खुद ही ये बढ़ाए अपने दिल और दिमाग़ की उलझन ओये ओये ओये सिमरन अल्हड़ सी सिमरन ओ ना जाने तू चली रे कहाँ ओये ओये ओये सिमरन उड उड उड सिमरन ओ ना जाने तू चली रे कहाँ आ आ ओ ख्वाब नैनो में काई सारे, सारे, सारे उड़ते फिरे बन्जारे नैनो की खिड़की से झाअन्के बेचारे मतमारे ख्वाबों से भरा मॅन मॅन ओये ओये ओये सिमरन अल्हड़ सी सिमरन ओ ना जाने तू चली रे कहाँ ओये ओये ओये सिमरन उड उड उड़ी सिमरन ओ ना जाने तू चली रे कहाँ आए सिमरन! तू थोड़ी ज़्यादा सब थोड़े कम हैं प्यारा सा तू है ख़तरा आए जान मेरी क़िस्से अधूरे जेबें भी खाली फिर भी बड़ा है सपना हन चुंबक जैसी मुस्काने होंठों पे तू है सजाए हन! ये बड़ी बड़ी अखियों से तू देखे जिसको भी रुका दे धड़कन ओये ओये ओये सिमरन अल्हड़ सी सिमरन ओ ना जाने तू चली रे कहाँ ओये ओये ओये सिमरन उड उड उड़ी सिमरन ओ ना जाने तू चली रे कहाँ आए सिमरन!

Written by: Sachin-JigarLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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