Ek Tere Kareeb Aane Se

Jagjit Singh

एक तेरे करीब आने से एक तेरे करीब आने से दूर हम हो गये ज़माने से दूर हम हो गये ज़माने से एक तेरे करीब आने से जाने क्यों बिजलियों को रंजिश है जाने क्यों बिजलियों को रंजिश है सिर्फ मेरे ही आसियाने से सिर्फ मेरे ही आस़ियाने से दूर हम हो गये ज़माने से एक तेरे करीब आने से आग दिल की सुलगती रहे नींदों आग दिल की सुलगती रहे नींदों और भड़केगी ये बुझाने से और भड़केगी ये बुझाने से दूर हम हो गये ज़माने से एक तेरे करीब आने से इश्क ही एक राज़ है ऐसा इश्क ही एक राज़ है ऐसा फाश होता है जो छुपाने से फाश होता है जो छुपाने से दूर हम हो गये ज़माने से एक तेरे करीब आने से दूर हम हो गये ज़माने से एक तेरे करीब आने से

Written by: SINGH JAGJITLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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