Dosti Jab Kisi se Ki Jaye

Jagjit Singh

दोस्ती जब किसी से की जाये दोस्ती जब किसी से की जाये दुश्मनों की भी राय ली जाये दोस्ती जब किसी से की जाये मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में अब कहाँ जा के साँस ली जाये अब कहाँ जा के साँस ली जाये दुश्मनों की भी राय ली जाये बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ ये नदी कैसे पार की जाये ये नदी कैसे पार की जाये दुश्मनों की भी राय ली जाये मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे आज फिर कोई भूल की जाये आज फिर कोई भूल की जाये दुश्मनों की भी राय ली जाये बोतलें खोल के तो पी बरसों बोतलें खोल के तो पी बरसों आज दिल खोल कर भी पी जाये आज दिल खोल कर भी पी जाये दोस्ती जब किसी से की जाये दुश्मनों की भी राय ली जाये दोस्ती जब किसी से की जाये

Written by: JAGJIT SINGH, RAHAT INDOREELyrics © Royalty Network, Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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