Aabadiyon mein dusht ka munzar bhi aayega
Hariharan
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ)
आबादियों में दश्त का मंजर भी आयेगा
आबादियों में दश्त का मंजर भी आयेगा
गुजरोंगे शहर से तो गुजरोंगे
गुजरोंगे शहर से तो मेरा घर भी आयेगा
आबादियों में दश्त का मंजर भी आयेगा
आ आ आ आ, अच्छी नहीं नजाकते अहसास इस कदर
अच्छी नहीं नजाकते अहसास इस कदर
शीशा अगर बनोगे तो पत्थर भी आयेगा
शीशा अगर बनोगे तो पत्थर भी आयेगा
गुजरोंगे शहर से तो मेरा घर भी आयेगा
दैरों हरम में ख़ाक उड़ाते चले चलो
दैरों हरम में ख़ाक उड़ाते चले चलो ओ ओ
तुम जिसकी जुस्तजू में हो वो दर भी आयेगा
तुम जिसकी जुस्तजू में हो वो दर भी आयेगा
आबादियों में दश्त का मंजर भी आयेगा
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ (आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ आ
बैठा हूँ कब से कूचे कातिल में सरमिगु
बैठा हूँ कब से कूचे कातिल में सरमिगु, ऊ ऊ ऊ
कातिल के हाथ में कभी खंजर भी आयेगा
कातिल के हाथ में कभी खंजर भी आयेगा
गुजरोंगे शहर से तो मेरा घर भी आयेगा
आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ)
जिस दिन कमुद्दतों से नौशाद इंतज़ार
जिस दिन कमुद्दतों से नौशाद इंतज़ार
क्या जाने दिन हमे वो मोयस्सर भी आयेगा
क्या जाने दिन हमे वो मोयस्सर भी आयेगा
गुजरोंगे शहर से तो मेरा घर भी आयेगा आ आ
आबादियों में दश्त का मंजर भी आयेगा
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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