पलको पे ओस सा तेरा नाम सजा के
रखता हु तुझे यार मै ख्वाब बना के
पलको पे ओस सा तेरा नाम सजा के
रखता हु तुझे यार मै ख्वाब बना के
हर किस्से पे हर पनने पे तुझको पढता है
फिरता रहता है पागल सा बस ये केहता है
की तुझ बिन….
की तुझ बिन नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
की तुझ बिन नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
कैसी दुआये कैसी ये सदये
दिल क्यू तुम्हारा सुनता हि नही
तुझको बुलाये तुझको हि चाहे
दिल ये क्यू मेरा रूकता हि नही
की मेरा हर लम्हा मेरा इक हिस्सा बन जाना
मेरी ख्वाहिश जो भि सारी पुरी कर जाणा
की तुझ बिन नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
की तुझ बिन मेरा नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
टूटटी रही मैं डूबती रही मैं
ऐसा राब्ता भी क्या
छूटते नहीं है आस के सिरे ये
तुमसे वास्ता है भी क्या
तीखी तीखी धूप में आके
तू साया क्र जा
भीगी भीगी आँखों से छू लेना हदद क्र जा
तू आजा मेरे सजना
की तुझ बिन मेरा नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
की तुझ बिन मेरा नई लगदा जी नही लगदा
हाये नही लगदा जी नई लगदा हाये
नही लगदा जी मेरा माहिया
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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