Kaisa Aaya Hai Zamana

Geeta Dutt

ए कैसा आया है जमाना नहीं खाने का ठिकाना फिर भी आशिक़ी लड़ाना क्यों है न बात मजे की रोज टोकरे भी कहना फिर भी बाज नहीं आने क्यों है न बात मजे की नहीं खाने का ठिकाना फिर भी आशिक़ी लड़ाना क्यों है न बात मजे की सोख मेरे हुस्न को है दिलो के सिकार का काम लु अदाओ से मैं तीर का खतर का सोख मेरे हुस्न को है दिलो के सिकार का काम लु अदाओ से मैं तीर का खतर का कोई लाख हो गया न मेरा चुके न निशाना क्यों है न बात मजे की नहीं खाने का ठिकाना फिर भी आशिक़ी लड़ाना क्यों है न बात मजे की छोटे मोटे आदमी का यहाँ क्या सवाल है प्यार में तो बड़े बड़ों का भी यही हाल है छोटे मोटे आदमी का यहाँ क्या सवाल है प्यार में तो बड़े बड़ों का भी यही हाल है है ये प्यार का खजाना कभी रोना कभी खाना क्यों है न बात मजे की नहीं खाने का ठिकाना फिर भी आशिक़ी लड़ाना क्यों है न बात मजे की और एक बात बड़े मजे की बताऊ मैं आशिक़ो को नए नए नाम से बुलाऊ मैं और एक बात बड़े मजे की बताऊ मैं आशिक़ो को नए नए नाम से बुलाऊ मैं मेरा गालियाँ सुनाना उनका तालिया बजाना क्यों है न बात मजे की नहीं खाने का ठिकाना फिर भी आशिक़ी लड़ाना क्यों है न बात मजे की

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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