आधा तूने दिया आधा पापा ने
वही अब दुनिया को मैं गयाँ देता हूँ
तू अपने बेटे को जीत'ता देखे बिना
मार ना जाए कहीं, इसलिए रोज़ अपनी जान देता हूँ
वैसे तो खो चुका हूँ विश्वास भगवान पे
पर तू कहती हैं तो मा मैं मान लेता हूँ, (मा)
शायद मुझे प्यार करना नही आता
या भूल गया हूँ, या शायद इंसान ऐसा हूँ अब
शायद, हूँ मैं गायब अपने कल में
च्चल तहे जो पल शायद उनके दलदल में
मेरा मॅन से मॅन नही दुनिया में जीने का
तेरी तस्वीर देख भर आती हैं मेरी पलकें
कुछ बातें तेरे कल की
जो तूने थी बताई मुझे
मेरे ज़हेन से नही निकलती
चाहता तो तेरा भला हूँ
ऊँची आवाज़ में तुझे बोला काईं बार
माफ़ करना मेरी ग़लती
सच ता एह हैं, अज्ज वी हनेरे तों मैं डरदा आ
डोर हो टन जी घबरावे, रख ले कॉल मा
बदला अग्गे जो जहाँ ओह जन्नत तू आए मा
किनने चिर तों दिन नि चड़ेया, रख ले कॉल मा
तेरी आँखों में था देखा मैने कल
रात जब तेरी साँसें उखाड़ रही
मेरे हाथों मैं था हाथ तेरा मा
और तेरी नब्ज़ उधर नही थी
मैं एब्ब सुधार जौंगा मा
रब वक़्त तू उधार देदे बस
बेबस इतना था की करता
क्या समझ नही आ रहा, था
अंदर था तेरा बच्चा मा
बाहर से मैं मर्द बनता गया,
थम सा गया, क्या यह ही है उसकी रज़ा?
इसकी मा को सज़्ज़ा डेडॉ इसकी जगह? हन?
किसकी तरह बनू मैं?
कौँसे रास्ते पे मैं चलूं?
बिन तेरे कैसे पलून मैं
अलविदा बिरो मेरी, तुझे कैसे कहूँ मैं? हन?
साँस में साँस आई, जब तूने साँस ली,
वापिस, मैं हाँसिल कर लूँगा हर मुकाम
तेरे चर्नो में लाके रखूँगा हर दुकान
की सबसे महेंगी वो चीज़ बस साथ देना तू
सच ता एह हैं, अज्ज वी हनेरे तों मैं डरदा आ
दूर हो ता जी घबरावे, रख ले कॉल मा
बदला अग्गे जो जहाँ ओह जन्नत तू आए मा
किनने चिर तों दिन नि चड़ेया, रख ले कॉल मा
घर से बाहर तहला? तो जाना
झंझट भी एक चीज़ है
मा ने दिया सब, क्या कहा?
मन्नत भी एक चीज़ है
मेरी मा की च्चाँव में गुज़री
है काईं दोपहेरें मेरी
यह करते हैं गुमान
की जन्नत भी एक चीज़ है
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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