Manzar Naya

फरहान अख़्तर

चल चलें हम कहीं चल राहें कम नहीं चल कहे दिल जिधर चल जाएँ हम वहीँ पल पल हर क़दम पायेंगे हम इक मंज़र नया पल पल हर क़दम पायेंगे हम मंज़र नया चल राहों में निकल चल मंजिलें बादल चल थकना रुकना क्या चल यूँही चलता चल पल पल हर क़दम पाएंगे हम इक मंज़र नया पल पल हर क़दम पायेंगे हम मंज़र नया कोई ना समजे हमारी जो बेताबियाँ हैं तो क्यूँ कल हम कहाँ हो ना जाने जो आज हम यहाँ हैं तो क्यूँ सुम हमसे ये दिल है कह रहा (ओ) पल पल ये समय है बह रहा (ओ) पल पल हर क़दम पायेंगे हम मंज़र नया चल चलें हम कहीं (चल) चल राहें कम नहीं (चल) चल कहे दिल जिधर चल जाएँ हम वहीँ पल पल हर क़दम पाएंगे हम इक मंज़र नया पल पल हर क़दम पाएंगे हम मंज़र नया

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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