Udaa Gulaal Ishq Wala
Dhvani Bhanushali, Amit Gupta
फागुन का महीना
और आँखों में कजरा रे
रंग चढ़ी पिया की मुझको
कैसी ये इश्क़दारी
छत पे चढ़के मारी
तूने रंग भरी पिचकारी
ले फस गयी बेचारी
तूने आँख जो ऐसी मारी
छत पे चढ़के मारी
तूने रंग भरी पिचकारी
ले फस गयी बेचारी
तूने आँख जो ऐसी मारी
ऐसा नज़ारा देख यारा
है जग रंग में सारा
उड़ा गुलाल इश्क़ वाला
जो नाचे ब्रिज में राधा
रंग चढ़ा है देखो गाढ़ा
जो नाचे ब्रिज में राधा
उड़ा गुलाल इश्क़ वाला
जो नाचे ब्रिज में राधा
हो रंग चढ़ा है देखो गाढ़ा
जो नाचे ब्रिज में राधा
कैसा आवारा है तू दिल का कावरा
भांग चढ़ा के तूने रंग जो ऐसा मारा
गली मोहल्ले सब हैं तुझसे सताये
कैसे सुधारे क्या करें अब हाय
हो मलमल की कुर्ती तेरी
रंग लगी गुलाबी
आँखें ये तीखी
तेरी चाल शराबी
ज़िद ये है ठानी की तू होगी हमारी
हमारे गोलू की बनेगी तू भाभी
फागुन महीने में दिल हारा
है हारा जग ये सारा
हाँ उड़ा गुलाल इश्क़ वाला
जो नाचे ब्रिज में राधा
रंग चढ़ा है देखो गाढ़ा
जो नाचे ब्रिज में राधा
हाँ उड़ा गुलाल इश्क़ वाला
जो नाचे ब्रिज में राधा
रंग चढ़ा है देखो गाढ़ा
जो नाचे ब्रिज में राधा
है नज़र जो यह टकरावे
दिल धक धक दाहक धक भागे
कोई और ना मनवा लागे
का कमाल हो गया
दिल तड़पत ही रह जावे
बस तेरी ही राहें टाँके
और तेरी ही धुन में गावे
का कमाल हो गया
है नज़र जो यह टकरावे
दिल धक धक दाहक धक भागे
कोई और ना मनवा लागे
का कमाल हो गया
दिल तड़पत ही रह जावे
बस तेरी ही राहें टाँके
और तेरी ही धुन में गावे
का कमाल हो गया
Written by: Abhishek TalentedLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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