Rishta Yeh kaisa Hai
Jagjit Singh, चित्रा सिंघ
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
पहचान जिस से नही थी कभी
अपना बना हैं वही अजनबी
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
तुम्हे देखती ही रहु मैं हमेशा
मेरे सामने यूँ ही बैठे रहो तुम
करू दिल की बाते मैं खामोशियो में
और अपने लाबो से ना कुछ भी कहो तुम
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
ये रिश्ता हैं कैसा ये नाता हैं कैसा
ये रिश्ता हैं कैसा ये नाता हैं कैसा
तेरे तन की खुशबु भी लगती हैं अपनी
ये कैसी लगन है ये कैसा मिलन है
तेरे दिल की धड़कन भी लगती हैं अपनी
तुम्हे पाके महफूस होता हैं ऐसे
के जैसे कभी हम ज़ुडा ही नही थे
ये माना के जिस्मो के घर तो नये हैं
मगर हैं पुरानी ये बंधन दिलो के
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
रिश्ता यह कैसा हैं नाता यह कैसा हैं
Written by: Chitra Singh, Jagjit Singh, Madan PalLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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