Aakhri Khat Hai Mera

चंदन दास

इस महफ़िल की आखरी पेशकश ये खूबसूरत नज्मे शायर हे जनाब नज्मे फिर मेरे दिल पे किसी दर्द ने करवट ली हैं फिर तेरी याद के मौसम की घटा च्छाई हैं फिर तेरे नाम कोई खत मुझे लिखना होगा तेरा सड़बाट सवाले तेरा हैं आखरी खत हैं मेरा जिसे पे हैं नाम तेरा आज के बाद कोई खत लिखूंगा तुझ को आखरी खत हैं मेरा जिसे पे हैं नाम तेरा आज के बाद कोई खत लिखूंगा तुझ को आखरी खत हैं मेरा भूल जवँगा तुझे ये तो नही कह सकता दिल पे चलता हैं कहाँ ज़ोर मोहब्बत करके फिर भी इश्स बात की लेता हूँ कसम आए हुंदम मैं ना तड़पवँगा तुझको ना कभी नफ़रत करके बेवफा तू हैं कभी मैं ना कहूँगा तुझको आज के बाद कोई खत लिखूंगा तुझको आखरी खत हैं मेरा याद भी बीते हुए लम्हों की सताएगी अगर आप अपने से कहीं डोर निकल जवँगा इश्स पॅयन अगर तुझसे मुलाकात हुई अजनबी बनके तेरी राह से चला जवँगा दिल तो चाहेगा पर आवाज़ ना दूँगा तुझको आज के बाद कोई खत लिखूंगा तुझको आखरी खत है मेरा ये तेरा सहेर ये गलियाँ दर दीवार ये घर ये टूटे हुए खाबों की यही जानत हैं कल ये सब छ्चोड़ के जाना हैं बहोट डोर मुझे जिस जगाह डोर हैं सेहरा हैं मेरी किस्मत में याद मत करना मुझेओ अब ना मिलूँगा ना तुझको आज के बाद कोई खत लिखूंगा तुझको आखरी खत हैं मेरा जिसे पे हैं नाम तेरा आज के बाद कोई खत लिखूंगा तुझ को आखरी खत हैं मेरा

Written by: CHANDAN DASS, IBRAHIM ASHKLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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