Jee Chahta Hai Choom Loon
Bande Hasan, सुधा मल्होत्रा, बलबीर, Asha Bhosle
आआआ न खंजर उठेगा न तलवार तुमसे
आ आ ये बाज़ू मेरे
ये बाज़ू मेरे आज़माये हुए हैं
और पहचानता हूँ खूब
पहचानता हूँ खूब तुम्हारी नज़र को मैं
पहचानता हूँ खूब तुम्हारी नज़र को मैं
भै जाने न दूँगा हाथ से दिल और जिगर को मैं
जाने न दूँगा हाथ से जाने न दूँगा हाथ से
जाने न दूँगा हाथ से दिल और जिगर को मैं
आ आ दिल ऐसी शह नहीं है जो काबू में रह सके
दिल ऐसी शह नहीं है जो काबू में रह सके
दिल ऐसी शह नहीं है जो काबू में रह सके
भै समझाऊँ किस तरह किस तरह
समझाऊँ किस तरह किस तरह
समझाऊँ किस तरह किसी बेखबर को मैं
आ आ आयी है उनके चाँद से चहरे को चूम कर
ओ आयी है उनके आहा आयी है उनके
ओहो आयी है उनके चाँद से चहरे को चूम कर
भै जी चाहता है आ आ आ
जी चाहता है चूम लूँ अपनी नज़र को मै
जी चाहता है चूम लूँ अपनी नज़र को मैन
जी चाहता है चूम चूम लूँ जी चाहता है चूम चूम लूँ
जी चाहता है चूम लूँ अपनी नज़र को मैन
आआआआ गो ज़ुल्म बेहिसाब किया इस निगह ने
गो ज़ुल्म बेहिसाब किया इस निगह ने
रुसवा किया खराब किया इस निगह ने
गो ज़ुल्म बेहिसाब किया इस निगह ने
रुसवा किया खराब किया इस निगह ने
इक काम लाजवाब किया इस निगह ने
जो तुझको इंतखाब किया इस निगाह ने
जो तुझको इंतखाब किया इस निगाह ने
भै जी चाहता है चूम लूँ अपनी नज़र को मैं
जी चाहता है चूम लूँ अपनी नज़र को मैं मैं
जी चाहता है चूम लूँ अपनी नज़र को मैं
जी चाहता है जी चाहता
जी चाहता जी
आ इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश फ़ितना
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश फ़ितना
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश फ़ितना
के लगाये न लगे और बुझाये न बने
अब तुम ही कहो कि क्या, जी चाहता है जी चाहता
जी चाहता है जी चाहता जी चाहता है जी
वो सदा दूर दूर रहता है
नासिहा तू दुरुस्त कहता है
उसपे मरने से कुछ नहीं हासिल
आहे भरने से कुछ नहीं हासिल
बेमुरव्वत है बेवफ़ा है वो
मेरे दुशमन का आशना है वो
अब उसे चोड़ना ही बेहतर है
ये भरम छोड़ना ही बेहतर है
मानते हैं तेरे नसीहत को
हाय पर क्या करें पर क्या करें तबीयत को
भै जी चाहता है जी चाहता जी चाहता है जी (आ आ आ)
जी चाहता जी आ आ आ
जी चाहता जी आ आ आ
जी चाहता जी आ आ आ
पिछले पहर जब ओस पड़े और ठण्डी पवन चले
बिरहा अगन मोरा तन मन फूँके सूनी सेज जले
हो सब सखियाँ चली पी को रिझाने
मोरे सजन हैं दूर ठिकाने
और मेरा भी जी चाहता है जी चाहता जी चाहता है चाहता
क्यों आग पे मरते ये हम नहीं कह सकते हाए
बस जी चाहता है जी चाहता जी चाहता है जी चाहता
सीरत का सवाल है न सूरत की बात है
हम तुम पे मर मिटे ये तबीयत की बात है भै
जी चाहता है जी चाहता जी चाहता है जी चाहता
जी चाहता है जी चाहता
जी चाहता है जी चाहता चाहता चाहता
जी चाहता है जी चाहता जी चाहता है जी चाहता
जी चाहता है चूम लूँ अपनी नज़र को मैं
Written by: ROSHAN, SAHIR LUDHIANVILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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