अनकही है जो बातें
कहनी है तुमसे ही
क्यूँ ये नज़रें मेरी
ठहरी हैं तुमपे ही
रूह का रिश्ता ये जुड़ गया
जहाँ तू मुड़ा मैं भी मुड़ गया
रास्ता भी तू है मंज़िल भी तू ही
हाँ तेरी ही ज़रूरत है मुझे
यह कैसे समझौं मैं तुझे
माँगता हूँ तुझे या तुझसे ही
रूह का रिश्ता ये जुड़ गया
जहाँ तू मुड़ा मैं भी मुड़ गया
रास्ता भी तू है मंज़िल भी तू ही
हाँ तेरी ही ज़रूरत है मुझे
यह कैसे समझौं मैं तुझे
माँगता हूँ तुझे या तुझसे ही
बेचैनियाँ अब बढ़ने लगी है
सब्र रहा ना बेसब्री है
आँच थोड़ी साँसों को दे दे
मुश्क़िल में ये जान मेरी है
बहता हूँ तुझमें मैं भी
ना छुपा खुद से ही
महकूँ खुशबू से जिसकी
बन वो कस्तूरी
रूह का रिश्ता ये जुड़ गया
जहाँ तू मुड़ा मैं भी मुड़ गया
रास्ता भी तू है मंज़िल भी तू ही
हाँ तेरी ही ज़रूरत है मुझे
यह कैसे समझौं मैं तुझे
माँगता हूँ तुझे या तुझसे ही
जब से मिला हूँ तुझसे
बस ना रहा है खुद पे
बोलती आँखों ने जादू कर दिया
बख़्श दे मुझे ख़ुदारा
मैने जब उसे पुकारा
हो गयी ख़ता तेरा नाम ले लिया
साथ हो जो उम्र भर
वो खुशी बन मेरी
हर कमी मंज़ूर है
बिन तेरे जीना नहीं
रूह का रिश्ता ये जुड़ गया
जहाँ तू मुड़ा मैं भी मुड़ गया
रास्ता भी तू है मंज़िल भी तू ही
हाँ तेरी ही ज़रूरत है मुझे
यह कैसे समझौं मैं तुझे
माँगता हूँ तुझे या तुझसे ही
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now