Maine Zamin Par Chand

अनवर हुसैन

मैने ज़मी पर चाँद को देखा चाँद को देखा यारो हाए मैने ज़मी पर चाँद को देखा चाँद को देखा यारो पागल कह लो या दीवाना कुछ भी मुझे पुकारो चाँद के सर पर सज़ा था आँचल चाँद के पैरो मे थी पायल आँखो मे था काजल ऐसे चाँदनी रात मे सावन जैसे ऐसा मंज़र ऐसा मंज़र देखा होगा तुमने कहा नज़ारो हाए मैने ज़मी पर चाँद को देखा चाँद को देखा यारो झिलमिल तारों जैसा चाहेरा शर्म हया से रंग सुनेहरा ज़िकर करू क्या उसकी छब का चलता फिरता नूर था रब का फूल बिखेरू हाए फूल बिखेरू वादी वादी सजदा करूँ बहारो मैने ज़मीन पर चाँद को देखा चाँद को देखा यारो एक रुपेहली खुश्बू जैसी कुदरत का एक जादू जैसी जब से देखा होश नहीं हैं जिस्म कहीं हैं जान कहीं हैं मैं झूठा हु हाए मैं झूठा हु या सच्चा हु तुम ही कहों चिनारों मैने ज़मीन पर चाँद को देखा चाँद को देखा यारो पागल कह लो या दीवाना कुछ भी मुझे पुकारो

Written by: Fazli Nida, KhaiyyaamLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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