Kitni Nashilee Teri Ankhen Hai

अनवर हुसैन

कितनी नशीली तेरी आँखें है कितनी गरम तेरी साँसे है कितनी नशीली तेरी आँखें है कितनी गरम तेरी साँसे है तंन को तेरे छुआ आ जाने क्या मॅन को हुआ तंन को तेरे छुआ आ जाने क्या मॅन को हुआ कितनी नशीली तेरी आँखें है कितनी गरम तेरी साँसे है ऐसा मुसम का बहेक ना ज़रूरी है बबों में आजा नही अच्छी ये दूरी है ऐसा मुसम का बहेक ना ज़रूरी है बबों में आजा नही अच्छी ये दूरी है होगी ना ये आग कम, आग बुझा दे ओ सनम होगी ना ये आग कम, आग बुझा दे ओ सनम कितनी नशीली तेरी आँखें है कितनी गरम तेरी साँसे है तेरे बदन पे च्छा जौन में बादल सा तू है काली में हूँ भावरा एक पागल सा तेरे बदन पे च्छा जौन में बादल सा तू है काली में हूँ भावरा एक पागल सा ज़िंदगानी हैं तेरी, ये जवानी है मेरी ज़िंदगानी हैं तेरी, ये जवानी है मेरी कितनी नशीली तेरी आँखें है कितनी गरम तेरी साँसे है कितनी नशीली तेरी आँखें है कितनी गरम तेरी साँसे है तंन को तेरे छुआ आ जाने क्या मॅन को हुआ तंन को तेरे छुआ आ जाने क्या मॅन को हुआ कितनी नशीली तेरी आँखें है कितनी गरम तेरी साँसे है

Written by: Nadeem-Shravan, Surendra SaathiLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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