Lapadva

अनुराग हलदार

मैं बैरागी हवाओ मैं ही उड़ता रहा तू ज़िंदगी ना जिये फिर भी जीता रहा मैं बादल हूँ आसमा में क्यूँ ठहरा हुआ तू बारिश है मुझे क्यूँ भिगाता रहा मौसम का तू देख ले क्या हाल है तेरी बाहो में अब तो मेरा काम है मौसम का तू देख ले क्या हाल है तेरी बाहो में अब तो मेरा शाम है घर बार संसार छोड़ के डूब यहीं लापरवा हुए है आज क्यूँ बेपरवा होना मैं चाहूँ लापरवा हुए है आज क्यूँ बेपरवा होना मैं चाहूँ आज रात मन-मानियो का ना कोई पता आजा तुझे मैं पास बुलाऊँ ना ऐसे तू रूठ जा कैसे नजाने सारी हदों को ना तोड़ के तुझ से मिला परेशान भी हम होंगे पता आज है धड़कने तेज़ होंगी ये मालूम है परेशान भी हम होंगे पता आज है धड़कने तेज़ होंगी ये मालूम है घर बार संसार छोड़ के डूब यहीं लापरवा हुए है आज क्यूँ बेपरवा होना मैं चाहूँ लापरवा हुए है आज क्यूँ बेपरवा होना मैं चाहूँ आज रात मन-मानियो का ना कोई पता

Written by: Anurag HalderLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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