Shiv Ki Preet Ne Sikhlaya

Anuradha Paudwal

शिव की प्रीत ने सिखलाया सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना सारी दुनिया अपनी है अब कोई नही बेगाना सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना शिव की प्रीत ने सिखलाया सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना मार्ग दिखाया तूने ऐसा हो गई ज्ञान की भोर पाना था जो पालिया है बाँध के तुजसे डोर ओर कहा हम पाएगे अब ये अनमोल खजाना ये अनमोल खजाना शिव की प्रीत ने सिखलाया सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना दिव्य गुनो से शिव बाबा तू हम को रोज सजाए ज्योति बिंदु से निहार लगे तो स्नेह सदा निहराए दसो दिशाओ को महकाए तेरा प्रेम तराना तेरा प्रेम तराना शिव की प्रीत ने सिखलाया सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना शिव की प्रीत ने सिखलाया सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना सब से प्रीत निभाना

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