Sai Digambara
अनुराधा पौडवाल
ऐसा येई बा साई दिगंबरा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा
साई दिगंबरा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा
काशी स्नान जप प्रतिदिवशी
कोल्हापुर भिक्षेसि निर्मल नदीतुंगा
जल प्राशी निद्रा माहुर देशी ऐसा येईबा
साई दिगंबरा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा
झोळी लोंबतसे वाम करी
त्रिशुल डमरू धारी भक्ता वरद सदा
सुखकारी देशील मुक्ति चारि ऐसा येईबा
साई दिगंबरा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा
पायी पादुका जपमाला
कमंडलू मृगछाला धारण करिशि बा
नागजटा मुगट शोभतो माथा ऐसा येईबा
साई दिगंबरा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा
तत्पर तुझ्या या जे ध्यानी
अक्षय त्यांचे सदानि लक्ष्मी वास करी
दिनरजनी रक्षिसि संकट वारुनि ऐसा येईबा
साई दिगंबरा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा
सुंदर ध्यान तुझे गुरुराया
दृश्य करी नयना या पूर्णा नंद सूखे
ही काया लाविसि हरीगुण गाया ऐसा येईबा
साई दिगंबरा साई दिगंबरा
अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू
श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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