Lambi Judaai

आकृति कक्क्ड़

बिछड़े अभी तो हम बस कल परसों जियूंगी मैं कैसे इस हाल में बरसों मौत ना आये तेरी याद क्यों आये हाय, लम्बी जुदाई चार दिना दा प्यार, हो रब्बा बड़ी लम्बी जुदाई, लम्बी जुदाई होंठों पे आये, मेरी जान, दुहाई हाय, लम्बी जुदाई चार दिना दा प्यार, हो रब्बा बड़ी लम्बी जुदाई, लम्बी जुदाई एक तो सजन मेरे पास नहीं रे दूजे मिलन दी कोई आस नहीं रे दूजे मिलन दी कोई आस नहीं रे उसपे ये सावन आया ओ ओ ओ उसपे ये सावन आया आग लगाई हाय, लम्बी जुदाई चार दिना दा प्यार, हो रब्बा बड़ी लम्बी जुदाई, लम्बी जुदाई

Written by: ANAND BAKSHI, ANANDSHI BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, Laxmikant Pyarelal, PYARELAL RAMPRASAD SHARMALyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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