Khuda Aur Mohabbat

Ahmed Jahanzeb

करूँ सजदा इक खुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब् खुदा क नाम पे सजदे में सिर झुकना इबादत हैं वो दिल अल्लाह का घर है की जिस दिल में मोहब्बत है करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत पढू आयात कोई सूरत सनम क नाम का कलमा वफ़ा के दो दानों पर तसबीह तो मुकम्मल है वो जन्नत हो या ये दुनिया इन्ही लफ़्ज़ों की चाहत ह मोहब्बत ह खुदा जेसी खुदा हे तो मोहब्बत ह करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत मेरे महबूब की सूरत में रब्ब देखु तो क्या समझू ये ईमा है बगावत है जूनून है या हकीकत है मेरा इब्ला तू काबा है मेरा ताबीज़ मन्नत है खुदा के रूप में तिन्हा दिल में महोबबत है खुदा के करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत मेरे महबूब की सूरत में रब्ब देखु तो क्या समझू ये ईमा है बगावत है जूनून है या हकीकत है मेरा इब्ला तू काबा है मेरा ताबीज़ मन्नत है खुदा के रूप में तिन्हा दिल में महोबबत है खुदा के करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत करूँ सजदा एक ख़ुदा को पढूं कल्मा या मैं दुआ दूं दोनों ही एक ख़ुदा और मोहब्बत

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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