Bechayan Sapne

Mahalashmi Iyer, Abhijeet Sawant

बेचैन है सपने नए आसमां बुलाए पंख ये बोले डोलो डोलो डोलो सागर की लेहरें झील मे समाएं पानी ये बोले खोलो खोलो खोलो एक जंग है जारी ये रूह है भारी नज़रों के आगे कैसा ये धुआँ एक राह कहे आ चल गीत नया गा पर बढ़ ना सकु रोके जाने क्या ये दिल कुछ बोले जां कुछ बोले जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे हो कभी खींचे जुनू कभी खींचे जहाँ जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे ( मन पाखी रे) दूर आवाज़े खोल दे ना रे बंदे है उम्मीद के धारे मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए उलझे उलझे रात के धागे काट अंधेरे सुबह जागे धूप का परचम आगे आगे रे साथी रे साथी रे सूरज है तू बादल हटा खुल के गगन पे रोशन होज़ा आजा ज़रा पीछे सुरंग आगे तरंग सोचे तू क्या बन के हवा लेहरजा ज़रा आजा आजा छा जा छा जा सन सनन लेहरजा आजा कैसा डर है ये सफ़र है खुद को खोने के बहाने आजा ये दिल कुछ बोले जां कुछ बोले जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे (पाखी रे) हो ओ कभी खींचे जुनू कभी खींचे जहाँ जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे (पाखी रे) दूर आवाज़े खोल दे ना रे बंदे है उम्मीद के धारे मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए (ओ ओ) उलझे उलझे रात के धागे (ओ ओ ओ ओ) काट अंधेरे सुबह जागे (ओ ओसाथी रे) धूप का परचन आगे आगे रे (साथी रे) दूर आवाज़े खोल दे ना रे (ए ए ए) बंदे है उम्मीद के धारे (ए ए ए) मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए ए (साथी रे) उलझे उलझे रात के धागे काट अंधेरे सुबह जागे धूप का परचम आगे आगे रे

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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