Bawari

अभिजीत सावंत

कितना सतावे तू मुझे भटक भटक के मन को मारे कभी चैन ना आवे दूर तू है तेरा सपना सतावे चाहे के तू मुझसे बावरी बावरी बावरी खली एक नागरी है है खली आसमा अपने हाथों से दे उसको घर बना बैटी है सामने और तुजखो मैं ढूंढ़ता तेरी मेरी कहानी की सुबहा मैं ढूंढ़ता कैसे रोकू तेरे सपनो को जीने से बीच गये नैना मारे तेरे ही खदमों पे हो आ भी जा धेख अभ ना सता तू चाहे के तू मुझसे बावरी बावरी बावरी

Written by: AKHIL CHAUDHARY, AMIT SAWANTLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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