Tanhaai

तुलसी कुमार

टूटा है बहोत ये दिल मेरा आँसू हैं बड़ी तन्हाई है जब से तेरी बाहों में हमे आने की हुई मनाही है कुच्छ यादें जो तेरी बाकी हैं जो दिल को बोहत सताती हैं काटे से नही कटता लम्हा क्यूँ दे दी तन्हाई कुच्छ बातें जो तेरी बाकी हैं जो हुमको बोहत रूलाती हैं जीने को नही अब दिल करता क्यूँ दे दी तन्हाई उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ वो हाथ जो कल तक हाथ में था अब च्छुने से कतराता है हर लम्हा कल तक साथ में था अब मिलने तक नि आता है उ उ उ उ उ यह सोच के नींद ना आती है और दिल में एक उदासी है क्यूँ तूने किया हमको तन्हा क्यूँ दे दी यह जुदाई होठों पे हँसी ना आती है आखें भी नम्म हो जाती हैं अच्छा ही नही लगता जीना क्यूँ दे दी यह जुदाई इस इश्क़ में तेरे हाथों से यही चीज़ हमे मिल पाई है क्यूँ दे दी तूने जुदाई है क्यूँ दे दी तन्हाई उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ तन्हाई है हमसफर तन्हाई है हर डगर तन्हाई है हर पहर तन्हाई शाम ओ सहर तन्हाई है हर तरफ तन्हाई है हद-ए-नज़र तन्हाई है अर्श तक तन्हाई है अब फर्श तक मेरे हिस्से में हिस्से में गम ही आए हैं (गम ही आए हैं) तेरे हिस्से में हिस्से में खुशियां मेरी आखों में आखों में अश्क़ आए है तेरे होठों पे होठों पे हसना टूटा है बोहत यह दिल मेरा आँसू हैं बड़ी तन्हाई है जब से तेरी बाहों में हमे आने की हुई मनाही है

Written by: सईद कादरीLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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