Saanp Khavega
Sukhwinder Singh
हर बोलों के (हर बोलों के)
मुख से फूटी (मुख से फूटी)
एसी कड़वी बानि (एसी कड़वी बानि)
शाख ना माँगे पातः (शाख ना माँगे पातः)
झील ना मांगे पानी(झील ना मांगे पानी)
साँप खावेगा चूहे को
साँप को खावेंगे गीध
है
है
देगी नियम दुनिया को
केह गए सादु सीधः
है
है
कारा भैंस बेठकों (कारा भैंस बेठकों)
घर को चला सवार (घर को चला सवार)
करे जुगाड़ी जीवन भर (करे जउगाड़ी जीवन भर)
नखद ना लैयों उधार (नखद ना लैयों उधार)
जीवन छलनी मैं फांसी आत्मा अमर हे गीध
है
है
साँप खावेगा चूहे को (साँप खावेगा चूहे को)
साँप को खावेंगे गीध (साँप को खावेंगे गीध)
है
है ई ए ए ए ह
हर बोलो के मुख से फूटी
एसि कड़वी बानि
शाख ना माँगे पातः झील ना मांगे पानी
मेरी मंसा ढीट हे अर्जी ना कोई माणी ईई (मेरी मंसा ढीट हे अर्जी ना कोई माणी ईई)
हो बिन बादल बिन बीज के (हो बिन बादल बिन बीज के)
करने चला किसानी ई ई ई ई (करने चला किसानी ई ई ई ई)
जिसको मोत ना नोच सके (जिसको मोत ना नोच सके)
नोचले उसको जिद्दः (नोचले उसको जिद्दः)
है
है
साँप खावेगा चूहे को
साँप को खावेंगे गीध
है
है ई ए ए ए ह
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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