Ishq Mein Hum Tumhein Kya Batayein

Sonu Nigam

इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये किस कदर चोट खाये हुए है इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये किस कदर चोट खाये हुए है इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये किस कदर चोट खाये हुए है मौत ने हमको मौत ने हमको मारा है और हम ज़िन्दगी के सताए हुए है मौत ने हमको मारा है और हम ज़िन्दगी के सताए हुए है इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये ए लहत अपनी मिटटी से केहेदे दाग लगने न पाये कफ़न को ए लहत अपनी मिटटी से केहेदे दाग लगने न पाये कफ़न को आज ही हमने हो आज ही हमने आज ही हमने बदले है कपडे आज ही हम नहाए हुए है आज ही हमने बदले है कपडे आज ही हम नहाए हुए है इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये सुर्ख आँखों में काजल लगा है रुख पे ग़ाज़ा सजाये हुए है सुर्ख आँखों में काजल लगा है रुख पे ग़ाज़ा सजाये हुए है ऐसे आए हे हो ऐसे आए है ऐसे आए है मय्यत पे मेरी जैसे शादी मैं आये हुए है ऐसे आए है मय्यत पे मेरी जैसे शादी मैं आये हुए है इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये दुश्मनो की शिकायत हमेशा दोस्तों से गिला क्या करेंगे दुश्मनो की शिकायत हमेशा दोस्तों से गिला क्या करेंगे कट चुके जिन हा कट चुके जिन कट चुके जिन दरफतो के पत्ते फिर कहा उनके साये हुए है कट चुके जिन दरफतो के पत्ते फिर कहा उनके साये हुए है इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये (इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये) किस कदर चोट खाये हुए है (किस कदर चोट खाये हुए है) मौत ने हमको मारा है और (मौत ने हमको मारा है और) हम ज़िन्दगी के सताए हुए है (हम ज़िन्दगी के सताए हुए है) इश्क़ में हम तुम्हे क्या बताये है है है है

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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