Kalank

Shilpa Rao, Arijit Singh

छुपा भी ना सकेंगे बता भी ना सकेंगे हुए यूँ तेरे प्यार में पागल पिया जो तेरे ना हुए तो किसी के ना रहेंगे के अब ना किसी और से लगे जिया हजारों में किसी को तकदीर ऐसी मिली है एक रांझा और हीर जैसी ना जाने ये जमाना क्यूं चाहे ये मिटाना कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया ठोकर पे दुनिया है घर बार है दिल में जो दिलबर का दरबार है सजदे में बैठे हैं जितनी दफा वो मेरे मन्नत में हर बार है उसी का अब ले रहे हैं नाम हम तो सांसों की जगह क्यूं जाने एक दिन भी लागे हमको बारा मासों की तरह जो अपना है सारा सजन्निया पे वारा ना था मेरे किसी और का आंचल पिया हजारों में किसी को तकदीर ऐसी मिली है एक रांझा और हीर जैसी ना जाने ये ज़माना क्यूं चाहे रे मिटाना कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं गहरा तमस तू सुन्हेरा सवेरा (मैं तेरा हो मैं तेरा) मैं तेरा हो मैं तेरा (मैं तेरा) मुसाफिर मैं भटका तू मेरा बसेरा (मैं तेरा) मैं तेरा हो मैं तेरा (मैं तेरा) तू जुगनू चमकता मैं जंगल घनेरा मैं तेरा (मैं तेरा) हो पिया मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा (मैं तेरा) मैं तेरा मैं तेरा हो मैं तेरा (मैं तेरा मैं तेरा) ओ हो हो हो (मैं तेरा मैं तेरा) मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा (मैं तेरा मैं तेरा) हो ओ ओ ओ (मैं तेरा मैं तेरा)

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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