Angad Beech Sabha Mein Tharo Bole Ram Ji Ki Jai

सतीश देहरा, Ravindra Jain

समुझी प्रताप राम कपी कोपा, सभा माझ पन करी पद रोपा जो मम चरण सकसी सठ ठारी, फिरहिं राम सीता मैं हारी गढ़ गयो खंभ हमारो हो ओ ओ ओ ओ गढ़ गयो खंभ हमारो हो हिम्मत होए तो याहे उखारो अंगद बीच सभा में ठा रो बोले राम जी की जय अंगद बीच सभा में ठा रो बोले राम जी की जय एक एक ज्योधा आवे एक एक ज्योधा आवे अपनी सारी शक्ति लगावे पग नहीं डिगे वीर मुसकावे रे बोले राम जी की जय पग नहीं डिगे वीर मुसकावे बोले राम जी की जय इन्द्रजीत अधिक बलवाना, हर्शी उठे जेहि तेहि भट्ट नाना सत नहीं डोले जेसे सतवंती नारी को मन नहीं डिगे जैसे साधू ब्रम्हचारी को अटल विश्वास जैसे प्रभु के पुजारी को पग हे अटल यूं अंगद बलधारी को सभा अचंभित सारी इ इ इ हो हो सभा अचंभित सारी ऐसो नहीं देखो प्रणधारी या को राम भरोसो भारी बोले राम जी की जय या को राम भरोसो भारी बोले राम जी की जय बोले राम जी की जय बोले राम जी की जय हो बोले राम जी की जय

Written by: K. S. ChithraLyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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