Mere Samnewali Khidki Mein
SANAM, Sachin Gupta
हे हे
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
अफसोस ये है कि वो हम से
कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
जिस रोज़ से देखा है उस को
हम शमा जलाना भूल गए
आ आ आ आ आ आ आ आ
जिस रोज़ से देखा है उस को
हम शमा जलाना भूल गए
दिल थाम के ऐसे बैठे हैं
कहीं आना जाना भूल गए
अब आठ पहर इन आँखों में
वो चंचल मुखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
बरसात भी आकर चली गयी
बादल भी गरज कर बरस गए
पर उस की एक झलक को हम
ऐ हुस्न के मालिक तरस गए
कब प्यास बुझेगी आँखों की
दिनरात ये दुखडा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
अफसोस ये है कि वो हम से
कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में(सामने वाली)
एक चाँद का टुकड़ा रहता है(सामने वाली)
मेरे सामने वाली खिड़की में(सामने वाली)
एक चाँद का टुकड़ा रहता है(सामने वाली)
Written by: RAHUL DEV BURMAN, RAJINDER KRISHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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