Kuch Naa Kaho

Shaan, The Keychangers, Sadhana Sargam

हल्की हल्की मुलाकातें थीं दूर दूर से बातें थीं हल्की हल्की मुलाकातें थीं दूर दूर से बातें थीं धीरे धीरे क्या हो गया है मैं क्या कहूँ क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन क्यूँ थरथराये तन मन क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन क्यूँ थरथराये तन मन क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो सब मेरे दिन सब रातें तुम्हारे ख्यालों में रहते हैं गुम केहनी है तुमसे जो बातें बैठो ज़रा अब सुन भी लो तुम क्या मेरे ख्वाब हैं क्या है मेरी आरज़ू तुमसे ये दास्ताँ क्यूँ ना कहूँ रूबरू कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो (हो हो) हो जज़्बात जितने हैं दिल में मेरे ही जैसे हैं वो बेज़बां जो तुमसे मैं केह ना पायी केहती है वो मेरी खामोशियाँ सुन सको तो सुनो वो जो मैंने कहा नहीं सच तो है केहने को अब कुछ रहा नहीं कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो हल्की हल्की मुलाकातें थीं दूर दूर से बातें थीं धीरे धीरे क्या हो गया है मैं क्या कहूँ क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन क्यूँ थरथराये तन मन क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो कुछ ना कहो

Written by: Akhtar Javed, Ehsaan, EHSAAN LOY SHANKAR, JAVED AKHTAR, K C LOY, N/A LOY, ShankarLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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