Rafta Rafta Chal
S.P. Balasubrahmanyam
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
नए मुसाफिर सफ़र पुराना
कोई ना जाने कहाँ हैं जाना
संग संग सैर कराने के लिए मैं चला
नजरें मेरे वार है
देखों गुलों से गुलजार हैं
नए मुसाफिर सफ़र पुराना (नए मुसाफिर सफ़र पुराना)
कोई ना जाने कहाँ हैं जाना (कोई ना जाने कहाँ हैं जाना)
संग संग सैर कराने के लिए मैं चला
नजरें मेरे वार है
देखों गुलों से गुलजार हैं
नदियों की लहरों में
तार छनकते हैं सरगम के
ठंडी ठंडी छांव, छोटे छोटे गाँव
छोटे छोटे गाँव, ठंडी ठंडी छांव
सारे करिश्मे हैं मौसम के
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
हो कलियों की खुशबू से
प्यार की वादी महकती हैं
लम्बे लम्बे ताड़ ऊँचे वे पहाड़
ऊँचे ये पहाड़, लम्बे लम्बे ताड़
कोवल सज के चहकती हैं
सुनाये बुलबुल नया तराना
कोई ना जाने कहाँ हैं जाना
संग संग सैर कराने के लिए मैं चला
नजरें मेरे वार हैं
देखों गुलों से गुलजार हैं
पुरवईया बहती हैं,
जीवन देती हैं साँसों को
मीठी मीठी धूप
भोला भाला रूप
भोला भाला रुप
मीठी मीठी धूप
कितना लुभाती हैं आँखों को
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
ओ सूरज की ये किरणे, रोज सुबह ले आती हैं
आता नहीं कल, जाने वाला पल
जाने वाला पल, आता नहीं कल
वक़्त की नजरें बताती हैं
बड़ा सुहाना ये आशियाना
कोई ना जाने कहाँ हैं जाना
संग संग सैर कराने के लिए मैं चला
नजरें मेरे वार है (रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता)
देखों गुलों से गुलजार हैं (रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता)
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
रफ़्ता रफ्ता चल चल रफ्ता रफ्ता
Written by: ANAND ANAND, MILIND, SAMEERLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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