Aashiq Hoon
राज बर्मन, Zain - Sam, Raees
आग दिल में लगा दी है तूने मगर
मैं जला दूंगा या खुद ही जल जाऊंगा
आग दिल में लगा दी है तूने मगर
मैं जला दूंगा या खुद ही जल जाऊंगा
तेरी आँखों से मुमकिन है बह जाऊ मैं
इश्क़ में अश्क बन के निकल जाऊंगा
तू तो मौसम है, तू तो मौसम है
तू तो मौसम है सायद बदल जाएगी
मैं तो आशिक हूँ कैसे बदल जाऊँगा
तेरे सीने में हर पल धड़कता हूँ मैं
कैसे दिल से मैं तेरे उतर जाऊंगा
तू तो मौसम है सायद बदल जाएगी
मैं तो आशिक हूँ कैसे बदल जाऊँगा
टूटकर जो ज़मीन पर बिखर जाए वो
आसमां का मैं कोई सितारा नहीं
तुझको हक़ है मुझे भूल जाए मगर
मैं तुझे भूल जाऊं गवारा नहीं
कभी दरिया समंदर या तूफ़ान है
इश्क़ में इश्क़ के इम्तिहां कम नहीं
जो भी अंजाम होगा वो मंजूर है
इश्क़ में जान भी जाए कोई ग़म नहीं
शाख से फूल, शाख से फूल
शाख से फूल बन के उजड़ जाएगी
मैं मगर खुशबू बन के बिखर जाऊंगा
तू तो मौसम है सायद बदल जाएगी
मैं तो आशिक हूँ कैसे बदल जाऊँगा
तेरे सीने में हर पल धड़कता हूँ मैं
कैसे दिल से मैं तेरे उतर जाऊंगा
तू तो मौसम है सायद बदल जाएगी
मैं तो आशिक हूँ कैसे बदल जाऊँगा
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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