आ आ आ आ
ख्वाब मुरझा गयी
नींदें बंजर हुई
बे असर हो गयी है हर दुआ
ना ज़मीन पाँव में
ना फलक सर पे है
मंज़िलें हो गयी हैं धुआँ धुआँ
क्यूँ खफा खफा तू
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओये नसीबा हाँ
ओ रे नसीबा
आ कभी देख ले
मेरे ज़ख़्मों को तू
तेरी आँखों से आँसू
छलक जाएँगे
ठोकरें मार ना
इस तरह तू मुझे
देखना पाँव तेरे भी छील जाएँगे
मुझसे क्या रंजिशें तेरी इतना बता
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
हार कर के भी मैं
हारती ही नही
हौसलों को मेरे अब ना तू आज़मा
धूप का है सफ़र
बक्श दे छाँव भी
जीने भी दे मुझे कुछ रहम तो जाता
रु ब रु आ ज़रा मुझसे आँखें मिला
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा ओ रे नसीबा
ओ रे नसीबा
Written by: SANJEEV ATUL, SANJEEV CHATURVEDILyrics © Royalty Network, Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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