Sabko Naach Nachata
मन्ना डे
सबको नाच नचाता
फिर भी नज़र नहीं जो आता
सबको नाच नचाता
फिर भी नज़र नहीं जो आता
ऐसी दुनिया को बनानेवाला
कौन है
वोही श्याम है(वोही श्याम है)
घनश्याम है(घनश्याम है)
अम्बर से पानी बरसाता
पत्थर में जो फूल खिलाता
ऐसी दुनिया को बनानेवाला
कौन है
वोही श्याम है(वोही श्याम है)
घनश्याम है(घनश्याम है)
माला घुमाने से वह
नहीं मिलता वह नहीं मिलता(आ आ आ आ)
भस्म लगाने से वह
नहीं हिलता वह नहीं हिलता(आ आ आ आ)
झोपड़ियों में फूल वह खिलाता
फूल वह खिलाता(आ आ आ आ)
कोई गरीब के आंसू में मिलता
आंसू में मिलता
वही पिता है वहीं माता
वही सबका भाग्य विधाता
ऐसा सर्जनहारा सबका
प्यारा कौन है
वही श्याम है घनश्याम है(वही श्याम है घनश्याम है)
सबको नाच नचाता
फिर भी नज़र नहीं जो आता
ऐसी दुनिया को बनानेवाला कौन है
वही श्याम है घनश्याम है
एक है राजा एक भिखारी
क्यूँ एक भिखारी (आ आ आ आ)
एक अछूत और एक पुजारी
क्यूँ एक पुजारी (आ आ आ आ)
यह भेद पापी हमने
बनाया है हमने बनाये (हमने बनाये)
वह तो सभी के है तन में समाया
मन में समाया
सबको एक प्यारसे सीचा
कोई उंच न कोई नीचा
ऐसा एक सामान समझनेवाला कौन है
वही श्याम है घनश्याम है (वही श्याम है घनश्याम है)
सबको नाच नचाता
फिर भी नज़र नहीं जो आता
ऐसी दुनिया को बनानेवाला कौन है
वही श्याम है
Written by: Bharat Vyas, Pt ShivramLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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