Na Bolegi Ab Tere Lakh Bulaye

मन्ना डे

ओ माँ ओ माँ न बोलेगी न बोलेगी अब तेरे लाख बुलाये न बोलेगी न बोलेगी अब न उठेगा हाथ की जिसने झूले झुलाये अब न खुलेगी आँख भी जिसमे सदा नजर तू आये फिर न मिले वो दूध भले तू लहक जनम ले आये न बोलेगी न बोलेगी अब तेरे लाख बुलाये न बोलेगी कैसे दहा तरिया होकर कैसे चिता जलाई जाये मन लोहे की दीवार लेकिन न घबराये आँसू भी गंगा जमुना थे तन को तू नहलाये फिर धीरे से धरती माँ की गोद में माँ को सुलाए आग जलाए जलते दिलो के शोलो से चिता जलाई न बोलेगी न बोलेगी अब तेरे लाख बुलाये न बोलेगी न बोलेगी

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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