Ganga Ki Bhari God Men
मन्ना डे
ओ हो हो ओ ओ
ओ हो ओ हो ओ हो
ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ
गंगा की माँ की भरी गोदी में
गंगा के राही चले रे
गंगा की माँ की भरी गोदी में
गंगा के राही चले रे
गंगा तेरे ही किनारे लागे नैया
हो गंगा तेरे ही किनारे लागे नैया
हाथ पकडे जहाँ भी पुरवैयाँ रे हे
गंगा की माँ की भरी गोदी में
गंगा के राही चले रे
घाट घाट का हो पानी
पानी बसेरा
थाली पे रात जाए बेहके सवेरा
घाट घाट का हो पानी
पानी बसेरा
थाली पे रात जाए बेहके सवेरा
गंगा राखियो ये सीने से लगाए
हो गंगा राखियो ये सीने से लगाए
हो तेरी बाहों में जो बजरे बहाए रे हे
गंगा की माँ की भरी गोदी में
गंगा के राही चले रे
भादबान गते है तूफ़ान की लोरी
आंधी से बांध ली है नावों की डोरी
गंगा तूने ही तो गोदी लिया है
हो गंगा तूने ही तो गोदी लिया है
हो तेरे पानियो से अमृत पिया है रे हे
गंगा की माँ की भरी गोदी में
गंगा के राही चले रे
हो गंगा तेरे ही किनारे लागे नैया
हाथ पकडे जहाँ भी पुरवैयाँ रे ए
Written by: Gulzar, Salil ChowdhuryLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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