Ghar Jayegi Tar Jayegi

Madhushree, Sanjay S Yadav

घर जायेगी तर जायेगी डोलियाँ चढ़ जायेगी हो हा हा घर जायेगी तर जायेगी हो डोलियाँ चढ़ जायेगी हो हो मेहंदी लगायेगी रे काजल सजायेगी रे दुल्हनिया मर जायेगी हो हो दुल्हनिया मर जायेगी धीरे धीरे लेके चलना आँगन से निकलना कोइ देखे ना दुल्हन को गली में हो हो अँखियां झुकाए हुए घूँघटा गिराए हुए मुखडा छुपाए हुए चली मैं जायेगी घर जायेगी तर जायेगी हो घर जायेगी तर जायेगी हो डोलियाँ चढ़ जायेगी हो हो मेहंदी लगायेगी रे काजल सजायेगी रे दुल्हनिया मर जायेगी हो हो दुल्हनिया मर जायेगी मेहंदी मेहंदी खेली थी मैं तेरी ही सहेली थी मैं तू ने जब कुसुम को चुना था हो हो तूने मेरा नाम कभी आँखों से बुलाया नहीं मैंने जाने कैसे सूना था जायेगी घर जायेगी ला ला हो घर जायेगी तर जायेगी हो डोलियाँ चढ़ जायेगी हो हो मेहंदी लगायेगी रे काजल सजायेगी रे दुल्हनिया मर जायेगी हो हो दुल्हनिया मर जायेगी

Written by: Gulzar, R D BurmanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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