Hazaron Khwahishen Aise

Lata Mangeshkar, Nitish R Kumar, Sachin Gupta

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी निकलना खुदसे आदाम का सुनते आये थे लेकिन निकलना खुदसे आदाम का सुनते आये थे लेकिन बहुत बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कहाँ मैखाने का दरवाज़ा ग़ालिब और कहाँ वहीज कहाँ मैखाने का दरवाज़ा ग़ालिब और कहाँ वहीज पर इतना जानते हैं की कल वो चाहता था की हम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी

Written by: HRIDAYNATH MANGESHKAR, MIRZA GHALIBLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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