Sheeshe Se

Kumar Sanu, Sachin Gupta

शीशे से बनी इक लड़की पत्थर के नगर मे आई शीशे से बनी इक लड़की पत्थर के नगर मे आई वो ढूंढ रही थी मोती और पत्थर से टकराई शीशे से बनी इक लड़की पत्थर के नगर मे आई शीशे से बनी ये लड़की इस बात से है अंजानी शीशे से बनी ये लड़की इस बात से है अंजानी जब रेत चमकती है तो लगती है दूर से पानी ये फूल है सब काग़ज़ के लेकिन वो समझ ना पाई शीशे से बनी इक लड़की पत्थर के नगर मे आई वो ढूंढ रही थी मोती और पत्थर से टकराई शीशे से बनी लड़की से कह दो की ना बाद मे रोना शीशे से बनी लड़की से कह दो की ना बाद मे रोना कुछ लोग है जो पीतल के कहते है वो खुद को सोना ये झूठ का पुल टूटेगा और गहरी है गम की खाई ये झूठ का पुल टूटेगा और गहरी है गम की खाई शीशे से बनी इक लड़की पत्थर के नगर मे आई वो ढूंढ रही थी मोती और पत्थर से टकराई

Written by: JAVED AKHTAR, NAGRATH RAJESH ROSHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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