Daagh De
Kailash Kher, Mm Manasi
भर हवाा आआ आआ
जब एक ही मिली है
ज़िंदगी सोच मत
चाहे आर हो या पार हो
जब एक ही मिली है
ज़िंदगी सोच मत
चाहे आर हो या पार हो
तू ले जान वो असल जान है
किसकी आन पे ही
सो सो जान निसार हो
तगड़ा कितना भी
हो गबरू बदन
बिना हिम्मत के
खुद ही धिकार हो
जिसमे शुलगी शुलगी आग हो
जिसका सही गुना भाग हो
घाट या आघात
चाहे शह हो या मॅट
ल्गा दाढ भर
के ऐसी हुक तेरे
दाघ दे दाघ
दे दाघ दे
निशाने तेरे
चूक ना जाए
में दाघ दे
दाघ दे दाघ दे
दीवाने तेरी
भूख ना जा
दाघ दे दाघ दे दाघ दे
निशाने तेरे चूक ना जाए
में कीहा दाघ दे दाघ दे
दाघ दे दीवाने
तेरी भूख ना जाए
तू तेरा काफिला
तू तेरा होसला
तू तान ले जो जिध
उठा दे ज़लज़ला
भाती में हड्डी
देखो काज की
जिसके सिर के आयेज
दो दो तलवार की
आँखों मेी आँखें
देखो बाज की
कितने पैनी और तीखी
तीखी धार हो
कहने को दुनिया
है इतनी बड़ी है
बहुत कम जो उंगली
पे शुमार हो
जगह ज़ोर हो जूनुन हो
जिसमे खून सा ता खून हो
जीत का भूमार खाली
जाने दे ना वार
तू पलट और नाक
वाली शूंक देदे
दाघ दे दाघ दे दाघ दे
निशाने तेरे चूक ना जाए
में कीहा दाघ दे
दाघ दे दाघ दे
दीवाने तेरी भूख ना जाए
सुन हड्डी दिल की सुन
हो जा बेपरवाह
दाघ दे दाघ दे दाघ दे
निशाने तेरे चूक ना जाए
में कीहा दाघ दे
दाघ दे दाघ दे
दीवाने तेरी भूख ना जाए
दाघ दे दाघ दे दाघ दे
निशाने तेरे चूक ना जाए
में कीहा दाघ दे
दाघ दे दाघ दे
दीवाने तेरी भूख ना जाए
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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