Bhagwati Songs

Jaspinder Narula

हे भन्वती आज अपने पिता अगर मधुर गाएँगे चारो दियए दिवाकर की ज्योति से डंके मुहा आकृति नयन मैं करोड़ो डीप झिलमियाएँगे खुले केश सिंदूर माथे पे डंके गले रक्त कमलो की माला भी डंके मिला है तुम्हे तेज हर देवता से तुम्हारे दर्श को हर एक नैन तरसे जाई देवी दुरगे नामो देवी दुरगे जाई दुरगे नामो देवी दुरगे हे शिवप्रतिया ससी शेखरा शक्ति स्वरूपा त्रिपुर सुंदरी सांखम चाकर धनु खड़ाग धारिणी हे माता सिंग शोभिता महिषासुर दानव संघरहणी उमा पार्वती कन रूपदा दुर्गा दुर्गति हरनी जीवादनी सुग्धा मा रतन कुंदना हाँ चंडी दुर्गे नमवी हे जगत जननी हे माता दुर्गे पुष्ट सिंघारणी या दुर्गे तू हे चंद मुंड म्रगिनी जागो तुम जागो आ आ आ आ आ आ

Written by: BHUPEN HAZARIKA, MAYA GOVINDLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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