Khol De Par
Arijit Singh, जसलीन रॉयल, Rajshekhar
आठ समंदर अपना अम्बर
खोज ले अब तू अपने दम पर
फूँक मार के धूल झाड़ ले
छोड़ छाड़ के सारे छप्पर
आठ समंदर अपना अम्बर
खोज ले अब तू अपने दम पर
फूँक मार के धूल झाड़ ले
छोड़ छाड़ के सारे छप्पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
हु हु हु हु हु हु हु
रटी रटाई सारी छोड़ो भी दुनियादारी
रटी रटाई सारी छोड़ो भी दुनियादारी
बागी तेवर जो तेरे बोलेंगे सब अनाड़ी
सबको मनाने की तेरी नहीं ज़िम्मेदारी
ऊँचे आसमानों पे लिख दे तू हिस्सेदारी
खोल दे पर, खोल दे पर (खोल दे पर, खोल दे पर)
खोल दे पर, खोल दे पर (खोल दे पर, खोल दे पर)
खोल दे पर, खोल दे पर (खोल दे पर, खोल दे पर)
खोल दे पर, खोल दे पर (खोल दे पर, खोल दे पर)
तक ताक तक ताक तक ताक तक ताक
तक ताक तक ताक तक ताक तक ताक
बंद घड़ी की भी रुकी हुयी सुई
होती सही दो दफा
होती सही दो दफा
चुप क्यों है रहना
मन का तू कह ना
रोके चाहे हिचकियाँ
रोके चाहे हिचकियाँ
आठ समंदर अपना अम्बर
खोज ले अब तू अपने दम पर
फूँक मार के धूल झाड़ ले
छोड़ छाड़ के सारे छप्पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
Written by: JASLEEN ROYAL, RAJ SHEKHARLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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