Jaisi Teri Marzi

हर्षदीप कौर, भानु प्रताप सिंह

तेरे रंग विच रंग जावाँ, मैं अब अभी तेरे संग संग बह जावाँ, मैं अब अभी सुनूँ मैं तू जो फरमाये, जैसी तेरी मर्ज़ी जिस पासे लै जाए, जैसी तेरी मर्ज़ी सपने वही दिखाए, जैसी तेरी मर्ज़ी मन से जो तू चाहे, जैसी तेरी मर्ज़ी इश्क़ वाली अर्ज़ियाँ मंज़ूर कर दियाँ कर लै गुस्ताखियाँ कर लै मनमर्ज़ियाँ हाए मनमर्ज़ियाँ हो हाय मेरे ध्यान में मेरे ध्यान में हर वेले मेरे ध्यान में एहसान वे, एहसान वे कैसे भूलूँ एहसान कुर्बान वे, कुर्बान वे तेरी हस्ती पे कुर्बान वे अरमान वे, अरमान वे तुझसे ही जुड़े अरमाँ तुझसे ही जुड़े अरमाँ तुझसे ही जुड़े अरमाँ नाज़ तेरे मैं उठावाँ, जैसी तेरी मर्ज़ी जद कह दे मुस्कावाँ, जैसी तेरी मर्ज़ी इश्क इच मैं इतरावाँ, जैसी तेरी मर्ज़ी सजदा कारदा जावाँ, जैसी तेरी मर्ज़ी इश्क़ वाली अर्ज़ियाँ मंज़ूर कर दियाँ करलै गुस्ताखियाँ करलै मनमर्ज़ियाँ मनमर्ज़ियाँ हाए मनमर्ज़ियाँ मनमर्ज़ियाँ हाए मनमर्ज़ियाँ(मनमर्ज़ियाँ हाए मनमर्ज़ियाँ) मनमर्ज़ियाँ हाए मनमर्ज़ियाँ मनमर्ज़ियाँ

Written by: AMIT TRIVEDI, SHELLEELyrics © Royalty Network, Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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