Kitni Baatein

साधना सरगम, हरिहरन

कितनी बातें याद आती हैं तस्वीरें सी बन जाती हैं मैं कैसे इन्हें भूलूँ दिल को क्या समझाऊँ कितनी बातें कहने की हैं होठों पर जो सहमी सी हैं इक रोज़ इन्हें सुन लो क्यों ऐसे गुमसूम हो क्यों पूरी हो ना पाई दास्तान कैसे आई है ऐसी दूरियाँ दोनों के दिलों में छुपा है जो एक अंजाना सा ग़म क्या होपाएगा वो कम कोई क्या कहे दोनों ने कभी ज़िंदगी की एक मोड़ पे थी जो पायी है कैसी वो तनहायी कोई क्या कहे कितना वीरान है ये समा साँसों में जैसे घुलता है धूंआ कैसे आई है ऐसी दूरियाँ कितनी बातें याद आती है तस्वीरें सी बन जाती हैं मैं कैसे इन्हें भूलूँ तुमसे आज यूँ मिलके दिल को याद आये लम्हें कल के ये आँसू क्यों हैं छलके अब क्या कहें तुमने हमको देखा जो ऐसे तो इक उम्मीद है जागी फिर तुमसे प्यार पाने की अब क्या कहें आ गये हम कहाँ से कहाँ देखे मुडके ये दिल का कारवाँ कैसे आई है ऐसी दूरियाँ कितनी बातें कहने की हैं होठों पर जो सहमी सी हैं इक रोज़ इन्हें सुन लो क्यों ऐसे गुमसूम हो कितनी बातें याद आती है तस्वीरें सी बन जाती हैं मैं कैसे इन्हें भूलूँ दिल को क्या समझाऊँ

Written by: ALOYIUS MENDONSA, Aloyius Peter Mendonsa, EHSAAN NOORANI, JAVED AKHTAR, SHANKAR MAHADEVANLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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