Piyar Na Raha

फ्यूज़न, शफकत अमानत अली

समुंदर के जैसा गहरा पहाड़ो के जैसा ऊंचा चाँदनी की ठंडक जैसा बहारों नजारों जैसा पहली पहली बारिश जैसा फूलों की खुश्बू जैसा समझने परखने वाला चाहत पे मरने वाला, ओओओ समझने परखने वाला चाहत पे मरने वाला प्यार नही है यहाँ किताबों निसाबों जैसा पुराने हिसाबो जैसा मोहब्बत पे मरने वाला प्यार ना रहा हीर जैसा, रांझे जैसा लैला के मजनूं जैसा साहिबा के मिर्ज़ा वाला प्यार ना रहा चेहरे के पीछे यहाँ और कोई चेहरा है हर तरफ अंधेरा है नफ़रतों के साये हैं अपने भी पराए हैं बेनाम हे मोहब्बत समझने परखने वाला चाहत पे मरने वाला,ओओओ समझने परखने वाला चाहत पे मरने वाला प्यार नही हे यहाँ किताबों निसाबों जैसा पुराने हिसाबो जैसा मोहब्बत पे मरने वाला प्यार ना रहा हीर जैसा, रांझे जैसा लैला के मजनूं जैसा साहिबा के मिर्ज़ा वाला प्यार ना रहा समझना जो चाहो तो हे छोटी सी बात ढूंढो तुम अपने अंदर प्यार समझना जो चहो तो है छोटी सी बात ढूंढो तुम अपने अंदर प्यार ओ समझने परखने वाला चाहत पे मरने वाला,ओओओ समझने परखने वाला चाहत पे मरने वाला प्यार नही हे यहाँ किताबों निसाबों जैसा पुराने हिसाबो जैसा मोहब्बत मे मरने वाला प्यार ना रहा हीर जैसा, रांझे जैसा लैला के मजनूं जैसा साहिबा के मिर्ज़ा वाला प्यार ना रहा किताबों निसाबों जैसा पुराने हिसाबो जैसा मोहब्बत पे मरने वाला प्यार ना रहा हीर जैसा, रांझे जैसा लैला के मजनूं जैसा साहिबा के मिर्ज़ा वाला प्यार ना रहा किताबों निसाबों जैसा पुराने हिसाबो जैसा मोहब्बत पे मरने वाला प्यार ना रहा हीर जैसा, रांझे जैसा साहिबा के मिर्ज़ा वाला प्यार ना रहा

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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