Chand Aaya Hai
Kavita Krishnamurthy, A.R. Rahman, डीजे अखिल तलरेजा, Udit Narayan
चाँद आया है ज़मीं पे आज गरबे की रात में
छुपा है वह यहीं कहीं पे आज गरबे की रात में
अरे ढूंढो ढूंढो रे शर्मा रहा है वह
कुछ तो बात है जो आया वह
अरे ढूंढो ढूंढो रे शर्मा रहा है वह
कुछ तो बात है जो आया वह
मौका है यह केहना सुन ने का
मौका निकल ने न दो
मौका है यह केहना सुन ने का
मौका निकल ने न दो
चुप तुम्हारे उन लबों पे भी है
चुप हमारे इन लबों पे भी है
बोलती हैं ये निगाहें मेरे यार मेरे यार
चुप तुम्हारे उन लबों पे भी है
चुप हमारे इन लबों पे भी है
बोलती हैं ये निगाहें मेरे यार मेरे यार
हंसीं हो सनम तुम चाँद से भी ज़्यादा
हंसीं हो सनम तुम चाँद से भी ज़्यादा
गहरी हैं ज़ुल्फ़ें जैसे रात कोई
ओ तारीफ़ें करो न इतनी भी ज़्यादा
रुकें न शर्म से ये सांसें मेरी
जो दिल में है बोलों मैं बस तुमको ही देखूं मैं
जीवन यूँ ही बिता दूँ ओ होऊ ओ मेरे यार
चाँद आया है ज़मीं पे आज गरबे की रात में
छुपा है वह यहीं कहीं पे आज गरबे की रात में
अरे ढूंढो ढूंढो रे शर्मा रहा है वह
कुछ तो बात है जो आया वह
अरे ढूंढो ढूंढो रे शर्मा रहा है वह
कुछ तो बात है जो आया वह
मौका है यह केहना सुन ने का
मौका निकल ने न दो
अरे मौका है यह केहना सुन ने का
मौका निकल ने न दो
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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