ऊ ऊ ऊ ऊ
ऊऊऊऊ
ऊऊऊऊ
ऊऊऊऊ
ऊऊऊऊ
ऊऊऊऊ
ऊऊऊऊ
रूहानी सी इक
शाम होगी
हल्की तेरी उसमें
आवाज़ होगी
रूहानी सी इक
शाम होगी
हल्की तेरी उसमें
आवाज़ हो
तू ना जाए कभी
ऐतबार करूँ
तू ना जाए कभी
खुदा से ये ही कहूँ
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है
मेरा कल है
मेरी ज़िंदगी की दुआ
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है
मेरा कल है
मेरी ज़िंदगी की दुआ
तू दुआ है
तू ही है
मेरा करम
तुझपे ही शुरू
तुझपे ही ख़तम
तू दुआ है
तू ही है
मेरा करम
तुझपे ही शुरू
तुझपे ही ख़तम
शहरों में गलियों में
अपनो में परायों में
ढूँढा तुझे है
शहरों में गलियों में
अपनो में परायों में
ढूँढा तुझे के
मिल जाए मुझे
तू कहीं रूबरू
तू ही दिखे
मैं जहाँ रहूं
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है
मेरा कल है
मेरी ज़िंदगी की दुआ
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है
मेरा कल है
मेरी ज़िंदगी की दुआ
तू दुआ है
तू ही है
मेरा करम
तुझपे ही शुरू
तुझपे ही ख़तम
तू दुआ है
तू ही है
मेरा करम
तुझपे ही शुरू
तुझपे ही ख़तम
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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