Le Chhalaang
दलेर मेहँदी, हितेश सोनिक
हे याह
हे याह
जरा गिर के देख तू भीड़ के देख
फिर ख्वाबों में तू मिट के देख
जरा गिर के देख तू भीड़ के देख
फिर खाबो पे तो मिट के देख
मैदान भी होगा तेरा तू हक से मांग
लगा मिट्टी माथे लगा मिट्टी माथे
लगा मिट्टी माथे
और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
हे ये ये और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
हे याह
हे याह
लिखी है जो हाथों पर वह बस लकीर है
लिखी है जो हाथों पर वह बस लकीर है
लिखने आसमानों पर अपनी तकदीर है
पूछा है उसने तुझसे जाया ना करिए मौका
छिन ले अपनी किस्मत है किसने तुझ को रोका
अपनी कमजोरियों की हर हद तू लांग
लगा मिट्टी माथे लगा मिट्टी माथे लगा मिट्टी माथे
और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
हे याह
माथे पे जो यह बाल है
भाई का गढ़ा दल-दल है
दल-दल पे भागना है
हर तीर दागना है
चिर दे अंधेरा दे सीधे बान
लगा मिट्टी माथे लगा मिट्टी माथे
लगा मिट्टी माथे
और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
हे याह
और ले छलांग
और ले छलांग
और ले छलांग
हे याह
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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