Zikre Ulfat Jab Chala

चंदन दास

ज़िकरे उलफत जब चला इक हादसा याद आ गया ज़िकरे उलफत जब चला इक हादसा याद आ गया ज़ख़्म दिल के हास दिए ज़ख़्म दिल के हास दिए वो बेवफा याद आ गया ज़िकरे उलफत जब चला किस तरह घुजरी ना पूछो हिज़ार के मारु की रात किस तरह घुजरी ना पूछो हिज़ार के मारु की रात दर्द कुछ इतना बढ़ा दर्द कुछ इतना बढ़ा याद मुश्कुरा याद आ गया ज़िकरे उलफत जब चला साथ घुजारे थे जहाँ से बारहा हम तुंर्े दोस्त साथ घुजारे थे जहाँ से बारहा हम तुंर्े दोस्त आज फिर सुन सान सा वो आज फिर सुन सान सा वो रास्ता याद आ गया ज़िकरे उलफत जब चला कुछ ना सोचा खून उसने मेरे दिल का कर दिया कुछ ना सोचा खून उसने मेरे दिल का कर दिया इक ज़रा सी बाअट थी इक ज़रा सी बाअट थी रंग ए हीना याद आगेया ज़िकरे उलफत जब चला रोते रोते हास दिया था आज महफ़िल में मुरदीम रोते रोते हास दिया था आज महफ़िल में मुरदीम हेस्ट हेस्ट रो पड़ा हेस्ट हेस्ट रो पड़ा अब जाने क्या याद आ गया ज़िकरे उलफत जब चला इक हादसा याद आ गया ज़ख़्म दिल के हास दिए वो बेवफा याद आ गया ज़िकरे उलफत जब चला

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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